तू दगा देकर तनहा छोड़ गया है मुझे

ये दिल रोता है तेरी मोहब्बत को याद कर के
ये आंखे बरसती है कभी तेरी बेवफाई पे,
ये सोचता हूँ मै कि किस तरह भूलू तुझे
ये जानता हूँ की उम्र भर न भुला पाउगा तुझे,

न जाने क्यों मै एक फैसला नहीं कर पाता
न जाने क्यों मै खुद को ये सजा देता हूँ,
निकालता हूँ हर बार तुझ को दिल से
और फिर भी तेरी यादों में खोया रहता हूँ,

तू दगा देकर तनहा छोड़ गया है मुझे
फिर भी ये दिल दुआ देता है तुझे,
ऐ सनम तू साथ है मेरे मेरी हर तन्हाई में
कोई गम नहीं की तुमने वफ़ा नहीं की
इतना ही बहुत है की तू शामिल है मेरी तबाही में,


ये दिल रोता है तेरी मोहब्बत को याद कर के
ये आंखे बरसती है कभी तेरी बेवफाई पे,
ये सोचता हूँ मै कि किस तरह भूलू तुझे
ये जानता हूँ की उम्र भर न भुला पाउगा तुझे,

न जाने क्यों मै एक फैसला नहीं कर पाता
न जाने क्यों मै खुद को ये सजा देता हूँ,
निकालता हूँ हर बार तुझ को दिल से
और फिर भी तेरी यादों में खोया रहता हूँ,

तू दगा देकर तनहा छोड़ गया है मुझे
फिर भी ये दिल दुआ देता है तुझे,
ऐ सनम तू साथ है मेरे मेरी हर तन्हाई में
कोई गम नहीं की तुमने वफ़ा नहीं की
इतना ही बहुत है की तू शामिल है मेरी तबाही में!!!

                                                 SATYAM RASTOGI